body {-webkit-user-select:none; -html-user-select:none; -moz-user-select:none; -ms-user-select:none; user-select:none;}

Tuesday 8 March 2022

मरने के पहले जीना है

उम्र हाथ से निकल जायेगी
फिर एक दिन 
आ खड़ा होगा यमदूत 
अंतिम शैया के पायताने 
फिर कौन जाने 
कब मिलेगा अगला जन्म
मानव के रूप में 
कुछ अच्छे भाग्य के साथ 
तो जो है आज है अभी है 
जितना है उसका 
अधिकाधिक करना है रसास्वादन 
हर बुरी याद को अंतिम अभिवादन, 
एक एक क्षण को अपने सुख का बना के साधन 
चलना है जीवन पथ पर, 
न लेना है प्रमाण पत्र 
न सिद्ध करना है किसी को कुछ 
जो फ़र्ज़ हैं बस वो निभाने हैं 
बाक़ी ज़िंदगी से अपने लिए भी 
चंद हसीन लम्हे चुराने हैं
अच्छे बुरे पाप पुण्य की परिधि के बाहर 
अपनी आत्मा की संतुष्टि के 
रास्ते बनाने हैं 
जब तक काम कर रही हैं इंद्रियां 
अपनी प्रकृति को नहीं दबाना है,  
तोड़कर संकोच के दायरे, 
छोड़कर दुनिया की फिक्र 
हर एक लुत्फ उठाना है 
क्योंकि फिर एक दिन 
सब कुछ मिट जाना है 
राख हो जाना है 
मिट्टी में मिल जाना है 
पानी मे बह जाना है
अंतरिक्ष को उड़ जाना है

@मन्यु आत्रेय

करीबी लोगों के प्रति हम लापरवाह हो जाते हैं

कुछ लोग जो हमारे करीबी होते हैं, अक्सर हम उनके प्रति लापरवाह हो जाते हैं। पति को पता नहीं चलता कि पत्नी किस शारीरिक समस्या से ज...