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Wednesday 16 August 2023

कैसे लोग हैं आपके आसपास

आपके जीवन में कैसे लोग है  इसका बहुत बड़ा प्रभाव आप पर पड़ता है। अगर आपकी सफलता और उपलब्धि के पीछे किसी और की भूमिका भी होती है तो आप की असफलता, पराजय, कमज़ोरी, चूक आदि के पीछे अक्सर कुछ और लोगों का भी हाथ होता है। 

अगर आप किसी काम में सफलता नहीं पा सके तो उसके पीछे आपकी अपनी कमियों के अलावा कोई न कोई ऐसा आदमी जरूर रहा होगा जिसने अप्रत्यक्ष रूप से आपके कामों में व्यवधान पैदा किया होगा, आपको भटकाया होगा, भ्रमित किया होगा, जिसने आप का मनोबल तोड़ने की कोशिश की होगी, या आपकी मदद करने वाले लोगों को परेशान किया होगा, जिसने आपके कामों में सीधा-सीधा रोड़ा अटकाया होगा। 

हो सकता है कोई व्यक्ति ऐसा हो जो जानता नहीं हो लेकिन उसके कारण आपको नुकसान हो रहा हो। हो सकता है कि सिर्फ उसकी निकटता के कारण आपके कई काम नहीं बनते हो या फिर वह आपकी गोपनीय बातों को बिना समझे पूछे किसी से साझा कर देता हो। 

अपने आसपास के लोगों को समझदारी से चुनिए। अगर उन्हें चुन पाना आपके बस में नहीं है तो कम से कम यह अवश्य भांपने की कोशिश कीजिये कि किस व्यक्ति का संबंध आपके जीवन की सफलताओं असफलताओं से है। कौन आपके लिए साधक है कौन बाधक है। 

कभी कभी लोग अपनी मान्यता,अपनी धारणा, अपने स्वार्थ-फायदे, दूसरों से अपने संबंधों, किसी बात का बदला लेने के लिए आपके लिए अहितकारी बन जाते हैं। आध्यात्मिक विज्ञान की मान्यता है कि कुछ लोग जिनकी दशा खराब चल रही होती है या जिनके कर्म गड़बड़ होते हैं वो जिस किसी से जुड़ते हैं उसका बंटाधार कर देते हैं।

हालांकि हम ये नहीं जान सकते कि किसकी कैसी दशा चल रही है, लेकिन उनके होते हुए दिल मे अजीब सी घबराहट हो सकती है, चित्त की शांति भंग हो सकती है, मन मे उद्विग्नता या संशय आ सकता है। लेकिन यह स्वयं होकर होना चाहिए न कि आपकी उस व्यक्ति के प्रति धारणाओं के परिणामस्वरूप। 

एक एक बिंदु जोड़ने से रेखा स्पष्ट हो जाती है। एक एक घटना पर शांति से विचार करके देखने से समझ आने लगता है कि जो कुछ हुआ उसमे स्वयं की ज़िम्मेदारी कितनी थी और दूसरों की भूमिका कितनी थी। आप ध्यान नहीं देते कि कौनसा व्यक्ति आपके लिए कैसा प्रभाव पैदा कर रहा है। 

कोई व्यक्ति दिखने में कैसा है, सुंदर है या असुंदर है, सुशिक्षित है या अनपढ़ है, आर्थिक रूप से सक्षम है या गरीब है, आपका सहयोग करता दिख रहा है या असहयोग कर रहा है, इसका बहुत ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता। असली फर्क उसकी मानसिकता का पड़ता है, उसके मक़सद का पड़ता है, उसे जानना ज़रूरी है। गलत व्यक्ति से जुड़ना जीवन की किसी बड़ी शिकस्त या झमेले की शुरुवात भी हो सकता है।

अपने दोस्त, अपनी टीम के सदस्य, अपने आसपास के लोग, अपने राज़दार बहुत सोच समझ कर चुनिए और शुरुवाती दौर में उनके प्रति जागरूक रहिए। उनके प्रभावों को आंकते रहिए। 
अपने जीवन से जुड़े लोगों को देखिए, समझिए, उनका आकलन कीजिये । अपने बोध को उदित होने दीजिए। लोगों से उठने वाले संवेदनों को समझने की आदत डालिये।  यह धीरे धीरे होगा लेकिन अगर आप अपने जीवन के लोगों को ठीक से समझ पाए तो यह एक बहुत बड़ी सफलता है। 

@मन्यु आत्रेय

3 comments:

  1. That's true sir ..bahut badhiya likha hai aapne 👌👌💐🙏🏼

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  2. बहुत अच्छा, प्रभावशाली, विषयवस्तु सच के नजदीक है श्रीमान

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