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Sunday 20 August 2023

कौन करता है आपकी परवाह ?

कौन करता है आपकी परवाह? कौन आपकी सच्ची परवाह करता है और कौन परवाह करने का दिखावा करता है इसके अंतर को जानना बहुत जरूरी है। परवाह सिर्फ़ शब्दों में बयान करने की बात नहीं है बल्कि यह अपने क्रियाकलाप से प्रमाणित करने वाली बात है। परवाह असल मे प्रेम का परिचायक है। परवाह का विज्ञापन नहीं करना पड़ता वह अपने आप ही पता चल जाती है। 

अक्सर होता ये है कि लोग उन लोगों से बड़ी जल्दी प्रभावित हो जाते हैं जो उनकी बड़ी परवाह दिखाते हैं। परवाह करने और दिखाने में ज़मीन आसमान का अंतर होता है। परवाह का दिखावा सिर्फ एक शुगर कोट होता है जो थोडी सी आंच बढ़ने पर झट से पिघल जाता है। 

जिसे आपकी परवाह होती है वो अपनी पसंदगी नापसंदगी में इस बात का ख्याल रखता है कि आपको क्या पसंद आयेगा और क्या नापंसद होगा। वो इस बात का खास विचार करके चलता है कि उसके किस काम पर आपकी कैसी प्रतिक्रिया आ सकती है। वो ये सोचता है कि उसकी किसी बात से उसके किसी तर्क वितर्क से आपको कैसा महसूस होगा। 

जिसे आपकी परवाह होती है वो आपकी सुविधा, सम्मान और सुरक्षा तीनों का ध्यान रखता है। ऐसा कोई काम नहीं करना चाहता जिससे आप असुविधा में आ जाये, जिससे आपके सम्मान में कोई कमी हो, या जिसके कारण आप मुश्किल में पड़ें या किसी प्रकार के संकट से घिर जायें। 

जिसे आपकी परवाह होती है वह ऊपर से चाहे कितनी ही बेरूखी दिखाये, कितना भी झलकाये कि उसे आपकी कोई खास परवाह नहीं है लेकिन उसके क्रिया कलाप से ये स्पष्ट हो जाता है कि उसे आपकी परवाह है। कुछ रिश्तों में तल्खी़ बनी रहती है लेकिन उसके बावजूद एक दूसरे के लिये वक़्त पर खड़े रहने, मुसीबत में साथ देने, उसके लिये बोलने की छुपी हुई भावना होती है। जो आपकी परवाह करता है वो अपनी ओर से आपको खुश करने का प्रयास करता है, आपके बुरे समय में आपकी परेशानियों में वो अडिग होकर साथ देता है।  आपसे बात करने को तैयार रहता है। 

परवाह का दिखावा करने वाले सिर्फ़ बातें करते हैं, कठिन समय में वे हमेशा आपको नदारद मिलेंगे, उनका कोई जरूरी काम आ जायेगा, या उनकी कोई बड़ी परेशानी होगी, या उनकी तबीयत खराब होगी या कोई न कोई ऐसा कारण निकल ही आयेगा जिसका बहाना बनाकर वो किनारे हो जायेंगे और आपको अकेला छोड़ देंगे। 

जिसे आपकी सच्ची परवाह होती है वो कभी आपको अकेला नहीं छोड़ पाता। जो आपकी निःस्वार्थ भावना से परवाह करते हैं, ऐसे लोगों को भी मत खोईये। उन्हें कभी उपेक्षित मत कीजिये, उन्हें कभी अकेला मत छोड़िये। ये वो लोग हैं जिनके माध्यम से ईश्वर आपकी देखभाल करना चाहता है। 

कई लोग ऐसे होंगे जो आपकी परवाह तो करते हैं लेकिन सम्यक रूप से बता नहीं पाते, सामने नहीं आ पाते, दिखा नहीं पाते कि उन्हें आपकी कितनी परवाह है। ऐसे लोगों को पहचानिये। जो आपकी परवाह करे, बदले में आप उसकी भी परवाह करें, उसकी पसंद, नापंसद, सम्मान, अपमान, सुख-दुख, सुरक्षा और जा़ेखि़म के प्रति जागरूक रहें और हर स्तर पर उसकी मदद करने के लिये तैयार रहें। 

कभी भी ज़्यादा परवाह दिखाना सच्ची परवाह करने का लक्षण नहीं होता। अक़्सर जो पज़ेसिव लोग होते हैं वे सामने वाले को हद से ज़्यादा परवाह दिखाकर अपने नियंत्रण में कर लेते हैं। कभी कभी ज़्यादा परवाह दिखाया जाना लपेटे में लेने का संकेत भी होता है। 

आप भी अगर किसी की परवाह करें तो उन्हें थोड़ा सा महसूस करायें कि आप उनकी परवाह करते हैं। परवाह वैसे झलकाइये जैसे फ़िल्म का नायक अपनी जीन्स में खोंसी हुई पिस्टल झलकाता है वैसे नहीं जैसे वेब सीरीज़ का अपराधी हाथ मे A K 47 लिए फिरता रहता है।  परवाह को भरोसा जगाने वाली चीज रखिये तमाशा बनाने वाली नहीं। 

अगर आप भी किसी का मज़ाक नहीं उड़ाते, अपमान नहीं करते, दोष नहीं मढ़ते, उनके रहस्यों का तमाशा नहीं खड़ा करते, सिर्फ़ अपनी ही भावनाओं, परिस्थितियो और समस्याओं का रोना उनके आगे नहीं रोते, उन की निगरानी या जासूसी नहीं करते, निंदा नहीं करते, उनके काम बनाने का प्रयास करते हैं तो आप परवाह कर रहे हैं। 
उनके लिये थोड़ा बहुत अपना मन मार कर समझौता कर लेते हैं और खुश होते हैं कि वो खुश हैं, उनके लिये समय निकालते हैं, उनकी बातें सुनते हैं, समझने का प्रयास करते हैं, उनसे माफ़ी मांगने में हिचकते नहीं, संबंध सुधारने के हर संभव प्रयास करते हैं, अपनी गलतियों को न्यायोचित सिद्ध करके उन्हें झूठा साबित करने की कोशिश नहीं करते तो समझ लीजिये आप उनकी सच्ची परवाह करते हैं। 

यदि कोई आपके लिये ऐसा करता है तो समझिये वो भी आपकी सच्ची परवाह करता है। परवाह किया जाना अच्छा लगता है। थोड़ी सी परवाह किसी हताश व्यक्ति का अकेलापन दूर कर सकती है। किसी को जीने का संबल दे सकती है। किसी से आपके रिश्ते को मज़बूत कर सकती है लेकिन याद रखिये किसी की परवाह ज़बरदस्ती हासिल नहीं की जा सकती। 
और ये भी मत भूलिए कि मुझे आप सब की परवाह है, तभी तो ये ब्लॉग लिखा है!!

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